Saturday, July 7, 2018

Meri pyari maa


कभी सर पे, कभी गोद मे बिठाया आपने
मेरे वालिद बचपन मे किया ख़ूब मुझे खिलाया आपने...

मार के ज़िंदा करने का ये हुनर तुम मे ख़ूब देखा
लुट ते हुए शबाब मे तुमको डूबते हुए ख़ूब देखा |


Friday, July 6, 2018

मोहब्बत की क़लम से आज कुछ यूँ लिख दिया मैंने
वो बेवफ़ा थी बहुत, उसको बेवफ़ा लिख दिया मैंने
सताया बहुत ज़माने मे उसकी याद ने मुझे
सारी यादों को लगाकर आग ख़ुद को मौत लिख दिया मैंने |


ए- मेरे दोस्त मैंने तुझसे प्यार करने की इजाज़त माँगी थी
तू क्या समझा मैंने तुझसे तेरी पूरी रियासत माँगी थी |


अदब मोहब्बत का क्या ख़ूब सिखाया उसने
मुझको फंसाकर, मुझको कितना सताया उसने!


वो पूँछ कर मेरा पता ना जाने कहाँ ग़ायब हो गयी
लगता है ऐसा जैसे वो कोई ख़्वाब हो गयी |


Thursday, July 5, 2018

अँधेरों ने उँजालों से ये शिकायत की है
जमीं ने आसमां से कुछ बात की है
चाँद, सितारे सब आज उनकी महफ़िल मे है
जिनसे मिलने की हमने एक फ़रियाद की है |


मेरा होने से पहले तू किसी और का भी तो रहा होगा
ये जो आज मेरा दर्द है, मुझसे पहले किसी और का भी तो रहा होगा |


मेरी कोशिश थी कि हर कोशिश मे मेरा काम हो जाए
कैसे भी हो, कभी भी हो,  बस एक दफा मेरा नाम हो जाए

दिल को तोड़ के मेरे वो ऐसे अन्जान बैठा है
लगता है जैसे कोई मुर्दा बेजान बैठा है


गली मे आकर मेरी मुझको ही बदनाम किये बैठा है
लबों पर अब भी देखो मेरा ही नाम लिए बैठा है


मुझसे पहले कितनो को वो बर्बाद किये बैठा है
मुझे लगता है वो अपनी नियत ख़राब किये बैठा है


ए -आकिब कहीं चिराग़ है, कहीं वो किताब लिए बैठा है
मुझे लगता है वो कई आफ़ताब लिए बैठा है |


हद -ब -हद वो मुझसे दूर जाती रही है
लेकिन ये भी सच है कि वो मुशलसल याद आती रही है
दूर जितना भी जाना है जा तुझे इजाज़त है
इस दिल की क्या है,  इस पर तो तू ज़ुल्म ढाती रही है

जो आ गये हो सामने तो अपना पता भी बताते जाओ
जो की थी मैंने ख़ता  वो ख़ता भी बताते जाओ
ना - उम्मीद ना हुआ था मैं तेरे जाने के ग़म से
जो देनी है अब सज़ा वो सज़ा भी सुनाते जाओ

तुम्हारे वापस आने का इंतजार रहेगा
सुनो, मुझे हमेसा तुमसे प्यार रहेगा
फांसलो को दरमियाँ ना कभी आने देना
खोकर भी तुझको पाने का इंतजार रहेगा

आ चल तुझे आज इश्क़ करना सिखा दूँ 
कैसे मरते है इसमें आशिक़, तुझे भी मरना सिखा दूँ

अँधेरों ने उँजालों से ये शिकायत की है
जमीं ने आसमां से कुछ बात की है
चाँद, सितारे सब आज उनकी महफ़िल मे है
जिनसे मिलने की हमने एक फ़रियाद की है

Wednesday, July 4, 2018

मेरी कोशिश थी कि हर कोशिश मे मेरा काम हो जाए 
कैसे भी हो, कभी भी हो,  बस एक दफा मेरा नाम हो जाए
दिल को तोड़ के मेरे वो ऐसे अन्जान बैठा है 
लगता है जैसे कोई मुर्दा बेजान बैठा है
चलाया है जो दिल पर तीर तूने, वो किसी ने तो तुझे थमाया होगा 
करके बर्बाद इश्क़ मे मुझे, तू भी तो बहुत पछताया होगा
दिल मानता ही नही की वो मुझसे जुदा हो गयी है 
लगता है ऐसा की वो मुझसे ख़फ़ा हो गयी है 
इंतजार तेरे आने का अब रात दिन करते है हम 
बिछड़ के तुमसे मोहब्बत और भी ज्यादा हो गयी है |
मैं तेरे शहर का एक ज़ाम पी कर के  आया हूँ 
तेरे शहर मे ख़ुद को बदनाम कर के आया हूँ 
तूने कभी देखा ही नही ज़ख्म -ए -दिल मेरा
मैं आज उस ज़ख्म की दवा कर के आया हूँ

ए -क़ाश कि  कुछ ऐसा हो जाए 

मैं आँखें बंद करूँ और वो मेरा हो जाए 

ना हो फिर कभी वो जुदा मुझसे 

ए-ख़ुदा मेरी ये दुआ क़ुबूल हो जाए

                                                    Aakib javed

ये मेरी ज़िद है कि मोहब्बत मे ख़ुद को बर्बाद करूँगा 

ग़र मर भी गया इस जहाँ मे, मर के भी उसकी फ़रियाद करूँगा

                                                   Aakib javed

ए -दोस्त, मेरी गुज़ारिश है मुझे उस से प्यार करने दे 

होकर ग़ुम उसके ख्यालों मे मुझे जरा आराम करने दे

तारीफ क्या करूँ तेरी कि मेरा बस ये क़लाम है, तेरी खूबसूरती और तुझको मेरा सलाम है|

ग़ज़ल-रहमान फ़ारिस, नज़र उठाएँ तो क्या क्या फ़साना बनता है

नज़र उठाएँ तो क्या क्या फ़साना बनता है सौ पेश-ए-यार निगाहें झुकाना बनता है वो लाख बे-ख़बर-ओ-बे-वफ़ा सही लेकिन त...