ए -क़ाश कि कुछ ऐसा हो जाए
मैं आँखें बंद करूँ और वो मेरा हो जाए
ना हो फिर कभी वो जुदा मुझसे
ए-ख़ुदा मेरी ये दुआ क़ुबूल हो जाए
Aakib javed
नज़र उठाएँ तो क्या क्या फ़साना बनता है सौ पेश-ए-यार निगाहें झुकाना बनता है वो लाख बे-ख़बर-ओ-बे-वफ़ा सही लेकिन त...
Waah waah
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