मैं तेरे शहर का एक ज़ाम पी कर के आया हूँ
तेरे शहर मे ख़ुद को बदनाम कर के आया हूँ
तूने कभी देखा ही नही ज़ख्म -ए -दिल मेरा
मैं आज उस ज़ख्म की दवा कर के आया हूँ
तेरे शहर मे ख़ुद को बदनाम कर के आया हूँ
तूने कभी देखा ही नही ज़ख्म -ए -दिल मेरा
मैं आज उस ज़ख्म की दवा कर के आया हूँ
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