Wednesday, January 2, 2019

जॉन एलिया की मशहूर नज़्म-एक अंदाज़ा

बरस गुज़रे तुम्हें सोए हुए
उठ जाओ सुनती हो अब उठ जाओ
मैं आया हूँ
मैं अंदाज़े से समझा हूँ
यहाँ सोई हुई हो तुम
यहाँ रू-ए-ज़मीं के इस मक़ाम-ए-आसमानी-तर की हद में
बाद-हा-ए-तुंद ने
मेरे लिए बस एक अंदाज़ा ही छोड़ा है!

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